केंद्रीय मीठे पानी की जलीय कृषि संस्थान (सीफा) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), नई दिल्ली के तत्वावधान में देश में मीठे पानी के जलीय कृषि पर एक प्रमुख शोध संस्थान है। वर्तमान संस्थान की शुरुआत 1949 में कटक, उड़ीसा में स्थापित केंद्रीय अंतर्देशीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान (सीआईएफआरआई) के तालाब संस्कृति प्रभाग में हुई है, जिसका उद्देश्य तालाबों, टैंकों और अन्य छोटे जलीय निकायों में मछली पालन के क्षेत्र में चुनौतियों का सामना करना है। तत्पश्चात्, सिफ्रिकी ने मीठे जल जलकृषि अनुसंधान पर बल देने के एक प्रमुख प्रयास में कौशल्यागंगा, भुवनेश्वर, उड़ीसा में 147 हेक्टेयर परिसर में मीठे जल जलकृषि अनुसंधान और प्रशिक्षण केन्द्र (एफएआरटीसी) की स्थापना के लिए कदम उठाए। केंद्र धीरे-धीरे अपनी पूर्ण क्षमता में विकसित हुआ और 1987 के दौरान केंद्रीय मीठे पानी के जलजीव कृषि संस्थान (सीआईएफए) के रूप में एक स्वतंत्र संस्थान बन गया। संस्थान संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) के तहत संचालित एशिया-प्रशांत (एनएसीए) में जलीय कृषि केंद्रों के नेटवर्क के तहत ‘भारत में कार्प फार्मिंग’ पर अग्रणी केंद्र भी है।
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